भारत का ऑफिस रियल एस्टेट बूम पर, 1 बिलियन स्क्वायर फुट से अधिक होगी मांग

Indian Real Estate News : प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत जल्द ही वैश्विक स्तर पर चौथी सबसे बड़ी कार्यालय अचल संपत्ति बाजार बनने जा रहा है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2025 की तीसरी तिमाही तक देश का कुल कार्यालय स्थान 1 बिलियन वर्ग फुट के मील के पत्थर को पार कर जाएगा।
दो दशकों में उल्लेखनीय विकास
भारतीय कार्यालय बाजार ने पिछले 20 वर्षों में 8.6% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। 2005 में जहां देश में 200 मिलियन वर्ग फुट से भी कम कार्यालय स्थान था, वहीं 2025 तक यह आंकड़ा लगभग 1 बिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गया है। इस विकास के पीछे संस्थागतकरण, डेवलपर्स और किरायेदारों के परिपक्व पारिस्थितिकी तंत्र और बढ़ते निवेशक रुचि जैसे प्रमुख कारक हैं।
प्रमुख शहरों का योगदान
देश के शीर्ष आठ शहरों में कुल कार्यालय स्थान 30 जून 2025 तक 993 मिलियन वर्ग फुट दर्ज किया गया। इसमें बेंगलुरु 23% (229 मिलियन वर्ग फुट) के योगदान के साथ अग्रणी है, जिसके बाद एनसीआर (20%) और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (17%) का स्थान है। ये तीन शहर मिलकर देश के कुल कार्यालय स्थान का लगभग 60% हिस्सा बनाते हैं।
16 लाख करोड़ रुपये का कुल मूल्यांकन
भारत का कुल कार्यालय स्थान 16 लाख करोड़ रुपये (187 बिलियन डॉलर) के भारी-भरकम मूल्य पर पहुंच गया है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन 4.2 ट्रिलियन रुपये (41 बिलियन डॉलर) के सर्वोच्च मूल्यांकन के साथ शीर्ष पर है, जबकि बेंगलुरु और एनसीआर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
किफायती दरों ने बढ़ाई आकर्षण
भारतीय कार्यालय बाजार अपनी लागत प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए जाना जाता है। 2025 में ग्रेड ए कार्यालय स्थान का औसत किराया प्रति वर्ग फुट प्रति माह 0.96 डॉलर तक गिर गया है, जो इसे एक सब-डॉलर किराया बाजार बनाता है। यह सस्ती दरें, तकनीक-सक्षम और पर्यावरण अनुकूल कार्यस्थलों की बढ़ती मांग के साथ मिलकर भारतीय शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों के विस्तार को बढ़ावा दे रही हैं।
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