UPI में हालिया गड़बड़ी: आखिर क्या हुआ और NPCI ने कैसे संभाली स्थिति?

पिछले कुछ हफ्तों में भारत के सबसे भरोसेमंद डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म UPI को कई बार तकनीकी गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा है। सबसे बड़ी समस्या 12 अप्रैल को देखने को मिली, जब पूरे देश में फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन लगभग पांच घंटे तक प्रभावित रहे। यह पिछले तीन सालों में सबसे लंबा डाउनटाइम था।
अब सवाल उठता है कि — जिस UPI पर देश की डिजिटल इकॉनमी टिकी है, वह बार-बार क्यों ठप हो रहा है? चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजहें और NPCI ने कैसे हालात पर काबू पाया।
सबसे पहले जानें, UPI कैसे काम करता है?
UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बनाया है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो दो स्टेप में तेजी से और सुरक्षित तरीके से बैंक से बैंक पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा देता है।
- यह सिस्टम IMPS और AEPS जैसी टेक्नोलॉजी के सहारे चलता है।
- UPI में पैसे भेजने (Push) और मांगने (Pull) का साधारण मैकेनिज्म है।
- हर बैंक को UPI से जुड़े रहने के लिए अपने सिस्टम को PSP ऐप्स (जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm) से लिंक करना होता है। हर ट्रांजैक्शन का डेटा एनक्रिप्ट करके NPCI के जरिए संबंधित बैंक तक भेजा जाता है।
- अगर NPCI में कोई गड़बड़ी हो जाए, तो ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग रुक जाती है, जिससे लेनदेन फेल हो जाते हैं।
12 अप्रैल की गड़बड़ी की असली वजह क्या थी?
NPCI की Root Cause Analysis (RCA) रिपोर्ट के मुताबिक, 12 अप्रैल को UPI में आई बड़ी समस्या का मुख्य कारण था — ‘Check Transaction’ API रिक्वेस्ट का बाढ़ जैसा आ जाना।
हुआ यह कि कुछ PSP बैंक पुराने ट्रांजैक्शनों की स्थिति जानने के लिए बार-बार ‘Check Transaction’ रिक्वेस्ट भेजने लगे — वह भी तय समय (90 सेकंड) का इंतजार किए बिना।
असल में, जब किसी ट्रांजैक्शन के बाद रिसीवर बैंक से कन्फर्मेशन नहीं आता है, तो बैंक एक ‘Check Transaction’ रिक्वेस्ट भेजता है। नियम के मुताबिक, यह रिक्वेस्ट हर 90 सेकंड में एक बार भेजी जानी चाहिए।
लेकिन 12 अप्रैल को कुछ बैंकों ने इतनी बार और तेजी से रिक्वेस्ट भेजीं कि NPCI के सर्वर पर जबरदस्त लोड पड़ गया और पूरा सिस्टम धीमा पड़ गया।
NPCI ने कैसे संभाला?
NPCI ने समस्या को समझते हुए प्रभावित बैंकों को तुरंत ‘Check Transaction’ फंक्शन बंद करने को कहा। शाम 4 बजे के आसपास यह निर्देश जारी किया गया और 4:15 बजे एक अस्थायी समाधान लागू किया गया, जिससे सर्वर पर बढ़ता दबाव कम हुआ और UPI सर्विस को धीरे-धीरे फिर से स्थिर किया गया।
हालांकि, तब तक लाखों यूजर्स को ट्रांजैक्शन में दिक्कतों का सामना करना पड़ चुका था।